पशुपालकों के हितार्थ मेरा भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी को पत्र.
My Letter to Prime Minister of India Narendra Modi Ji: For the cause of Animal Husbandry people.
Registration Number: PMOPG/E/2018/0109477
PMOPG/E/2018/0450414
माननीय प्रधानमंत्री महोदय, आपको मैं पहले भी भा. कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय पशुपालन विभाग में दशकों से चले आ रहे प्रतिवर्ष हज़ारों करोड़ के फंड के वारे-न्यारे के बारे में कई बार लिख चुका हूँ जिससे पशुपालकों को प्रतिवर्ष, सरकारी आँकड़ो के अनुसार, 20 हज़ार करोड़ का प्रत्यक्ष एवं इतना ही अप्रत्यक्ष नुकसान तो सिर्फ एक बीमारी FMD से होता है और इससे कहीं ज्यादा ब्रूसल्लोसिस (जो गाय, भैंस, भेड़, बकरी, सूअर आदि में गर्भपात, नवजातों की मृत्यु, घुटनो के रोग, तथा मनुष्यों में भी अनेक रोग का कारण है) से होता है. और दोनो विभाग अपने अपने घर भरने में व्यस्त हैं. एक बार पुन: आपको वो पत्र प्रेषित कर रहा हूँ जिसे मैं भा. कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा को तीन बार भेज चुका हूँ परंतु उत्तर तो क्या संज्ञान तक नही लिया है. महोदय इस संबंध में आपके तुरंत हस्तक्षेप की महती आवश्यकता है. PMOPG/E/2018/0450414
महानिदेशक जी आपसे डेढ़ साल पहले निवेदन किया था आदरणीय महोदय अब तो कृपा करके बता दीजिए कि:-
1. एक साल में दो और तीन बार टीकाकरण के बाद भी मुँह पका खुर-पका रोग क्यों फैल रहा है, वो भी वैक्सीन लगने के आठ-दस बाद ही, क्या रोग का कारण वैक्सीन ही है. यह रोग ना सिर्फ़ पशुपालकों के पशुओं में बल्कि पशु विज्ञान के प्रतिष्ठित संस्थानों में भी आए दिन फैलता है. जैसे कि
-भा. पशु. चिकित्सा अनु. संस्थान बरेली में, मुक्तेश्वर में.
-रा. डेरी अनु. संधान संस्थान करनाल में
-तनुवास चेन्नई में
-मिलिटरी डेरी फार्म मेरठ में
--वेट. कॉलेज लुधियाना में.
-FMD फ्री स्टेट आंध्रप्रदेश, पंजाब, तेलंगाना में
-22 राउंड टीकाकरण के बाद भी उ. प्रदेश में, हरयाणा में, झारखंड में
-हर उस छेत्र में जहाँ FMD-CP पिछले 10-15 साल से चल रहा है.
2. महानिदेशक जी भा. कृषि अनु. संधान परिषद के कई संस्थानों में FMD पिछले 10 साल में लगातार टीकाकरण के बाद भी सैंकड़ों पशुओं को लील चुका है, करोड़ों रुपये का उत्पादन खा चुका है और आपका ठेकेदार संस्थान लगातार वैक्सीन को उच्च गुणवत्ता का भी बता रहा है. परंतु कभी भी किसी फार्म इंचार्ज, किसी निदेशक पर तो दूर किसी घटिया वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर भी कार्यवाही क्यों नहीं हुई, उन्होने आख़िर कौन सा टानिक आपको पिलाया हुआ है?
3. वैक्सीन की गुणवत्ता जाँचने का ठेका आपके भा. पशु चिकित्सा अनु. संधान संस्थान का है, क्यों नहीं नियमानुसार वैक्सीनों की जाँच हो रही है. किसी एक बैच वैक्सीन की भी कभी हुई है तो सबूत देने की कृपा करें? वैक्सीन की जाँच में, सैंपलिंग में, सैंपलों के रख-रखाव के, जाँच के वे सारे नियम जो भारतीय फार्माकोपिया में लिखे गये हैं क्यों नही लागू होते आपके संस्थान में?
4. मेरे द्धारा दी गई वैक्सीन गुणवत्ता रिपोर्ट पर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट पर क्यों नहीं कार्यवाही हो पा रही? डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट के बारे में RTI के तहत दी गई जानकारी के अनुसार वो रिपोर्ट कभी भी मान्य नहीं हुई और किसी को कभी दी भी नहीं गई, फिर कैसे
-वो रिपोर्ट DAHDF द्धारा इलाहाबाद हाई-कोर्ट (लखनऊ ) में यह कहकर जमा कर दी गई कि रिपोर्ट मान्य है, क्यों, कैसे?
-IIL हैदराबाद ने मेरे उपर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट को सबूत के तौर पर लगाकर केस किया गया, क्यों, कैसे?
5. आप के संस्थानों में ही जब वैक्सीन लगाने से ब्रुसेल्लॉसिस और PPR कंट्रोल नहीं हो पाई तो इन झूठे प्रोग्रामों को आपकी संस्तुति पर देशभर में चलाकर पशुपालकों को धोखा क्यों दिया जा रहा है?
6. आप कहते हैं कि PPR वैक्सिनेसन पर खर्च किया गया एक रुपया 70 रुपये का लाभ देता है तो क्यों नहीं ये वैक्सीन इसे बनाने वाले और आपके दूसरे संस्थानों के पशुओं में में लगाई जा रही? क्योंकि जहाँ जहाँ भी ये वैक्सीन लगती वहाँ वहाँ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, या रोग हो जाता है.
आप और आपके संस्थान भारत के ग़रीब पशुपालकों को क्यों धोखा दे रहे हैं?
भा. कृषि अनु. संधान परिषद के महानिदेशक महोदय, वर्षों से आपकी इन मामलों में चुप्पी और कार्यवाही ना करना आपका इनमें परोक्ष या अपरोक्ष रूप से शामिल होना सिद्ध कर रहा है. आपसे अनुरोध है कि घोटाले करके पैसे पैदा करने के और भी अनेक रास्ते हो सकते हैं कम से कम ग़रीब किसानो को बख़्श दीजिए, ये ही इस देश की जीवन रेखा हैं, ये ही नहीं रहेंगे तो घोटाले कैसे होंगे?
आपका
भोज राज सिंह
विभागाध्यक्ष पशु जानपदिक रोग विभाग
भा. पशु रोग अनु. संधान संस्थान, इज़्ज़त नगर बरेली, उ. प्र.
प्रधानमंत्री महोदय यदि मिलने का समय दें तो सारे साक्ष्य आपके सम्मुख प्रस्तुत करने में मैं अपना सौभाग्य समझूंगा. कृपा करके एक बार पशुपालकों एवं भारत के ग़रीब किसानों के हित में अवश्य विचार करिएगा.
Response from PMO, Headed by the Most Honest and Nationalist Leader of India.
No Action Required.
Registration Number | : | PMOPG/E/2018/0109477 |
Name Of Complainant | : | Bhoj Raj Singh |
Date of Receipt | : | 10 Mar 2018 |
Received by | : | Prime Ministers Office |
Forwarded to | : | Prime Ministers Office |
Officer name | : | Shri Ambuj Sharma |
Officer Designation | : | Under Secretary (Public) |
Contact Address | : | Public Wing |
5th Floor, Rail Bhawan | ||
New Delhi110011 | ||
Contact Number | : | 011-23386447 |
: | ambuj.sharma38@nic.in | |
Grievance Description | : | माननीय प्रधानमंत्री महोदय, आपको मैं पहले भी भा. कृषि अनुसंधान परिषद और केंद्रीय पशुपालन विभाग में दशकों से चले आ रहे प्रतिवर्ष हज़ारों करोड़ के फंड के वारे-न्यारे के बारे में कई बार लिख चुका हूँ जिससे पशुपालकों को प्रतिवर्ष, सरकारी आँकड़ो के अनुसार, 20 हज़ार करोड़ का प्रत्यक्ष एवं इतना ही अप्रत्यक्ष नुकसान हो रहा है. और दोनो विभाग अपने अपने घर भरने में व्यस्त हैं. एक बार पुन: आपको वो पत्र प्रेषित कर रहा हूँ जिसे मैं भा. कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा को तीन बार भेज चुका हूँ परंतु उत्तर तो क्या सन्ग्यान तक नही लिया है. महोदय इस संबंध में आपके तुरंत हस्तक्षेप की महती आवश्यकता है. मेरा पत्र जो धूल फाँक रहा है आपके सामने है, उम्मीद है किसानों और पशु पालकों के हित में अवश्य विचार करेंगे. महानिदेशक जी आपसे डेढ़ साल पहले निवेदन किया था आदरणीय महोदय अब तो कृपा करके बता दीजिए कि:- 1. एक साल में दो और तीन बार टीकाकरण के बाद भी मुँह पका खुर-पका रोग क्यों फैल रहा है, वो भी वैक्सीन लगने के आठ-दस बाद ही, क्या रोग का कारण वैक्सीन ही है. यह रोग ना सिर्फ़ पशुपालकों के पशुओं में बल्कि पशु विज्ञान के प्रतिष्टिस्थित संस्थानों में भी आए दिन फैलता है. जैसे कि -भा. पशु. चिकित्सा अनु. संस्थान बरेली में, मुक्तेश्वर में. -रा. डेरी अनु. संधान संस्थान करनाल में -तनुवास चेन्नई में -मिलिटरी डेरी फार्म मेरठ में --वेट. कॉलेज लुधियाना में. -FMD फ्री स्टेट आंध्रप्रदेश, पंजाब, तेलंगाना में -22 राउंड टीकाकरण के बाद भी उ. प्रदेश में, हरयाणा में, झारखंड में -हर उस छेत्र में जहाँ FMD-CP पिछले 10-15 साल से चल रहा है. 2. महानिदेशक जी भा. कृषि अनु. संधान परिषद के कई संस्थानों में FMD पिछले 10 साल में लगातार टीकाकरण के बाद भी सैंकड़ों पशुओं को लील चुका है, करोड़ों रुपये का उत्पादन खा चुका है और आपका ठेकेदार संस्थान लगातार वैक्सीन को उच्च गुणवत्ता का भी बता रहा है. परंतु कभी भी किसी फार्म इंचार्ज, किसी निदेशक पर तो दूर किसी घटिया वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर भी कार्यवाही क्यों नहीं हुई, उन्होने आख़िर कौन सा टानिक आपको पिलाया हुआ है? 3. वैक्सीन की गुणवत्ता जाँचने का ठेका आपके भा. पशु चिकित्सा अनु. संधान संस्थान का है, क्यों नहीं नियमानुसार वैक्सीनों की जाँच हो रही है. किसी एक बैच वैक्सीन की भी कभी हुई है तो सबूत देने की कृपा करें? वैक्सीन की जाँच में, सैंपलिंग में, सैंपलों के रख-रखाव के, जाँच के वे सारे नियम जो भारतीय फार्माकोपिया में लिखे गये हैं क्यों नही लागू होते आपके संस्थान में? 4. मेरे द्धारा दी गई वैक्सीन गुणवत्ता रिपोर्ट पर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट पर क्यों नहीं कार्यवाही हो पा रही? डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट के बारे में RTI के तहत दी गई जानकारी के अनुसार वो रिपोर्ट कभी भी मान्य नहीं हुई और किसी को कभी दी भी नहीं गई, फिर कैसे -वो रिपोर्ट DAHDF द्धारा इलाहाबाद हाई-कोर्ट (लखनऊ ) में यह कहकर जमा कर दी गई कि रिपोर्ट मान्य है, क्यों, कैसे? -IIL हैदराबाद ने मेरे उपर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट को सबूत के तौर पर लगाकर केस किया गया, क्यों, कैसे? 5. आप के संस्थानों में ही जब वैक्सीन लगाने से ब्रुसेल्लॉसिस और PPR कंट्रोल नहीं हो पाई तो इन झूठे प्रोग्रामों को आपकी संस्तुति पर देशभर में चलाकर पशुपालकों को धोखा क्यों दिया जा रहा है? 6. आप कहते हैं कि PPR वैक्सिनेसन पर खर्च किया गया एक रुपया 70 रुपये का लाभ देता है तो क्यों नहीं ये वैक्सीन इसे बनाने वाले और आपके दूसरे संस्थानों के पशुओं में में लगाई जा रही? क्योंकि जहाँ जहाँ भी ये वैक्सीन लगती वहाँ वहाँ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, या रोग हो जाता है. आप और आपके संस्थान भारत के ग़रीब पशुपालकों को क्यों धोखा दे रहे हैं? भा. कृषि अनु. संधान परिषद के महानिदेशक महोदय, वर्षों से आपकी इन मामलों में चुप्पी और कार्यवाही ना करना आपका इनमें परोक्ष या अपरोक्ष रूप से शामिल होना सिद्ध कर रहा है. आपसे अनुरोध है कि घोटाले करके पैसे पैदा करने के और भी अनेक रास्ते हो सकते हैं कम से कम ग़रीब किसानो को बख़्श दीजिए, ये ही इस देश की जीवन रेखा हैं, ये ही नहीं रहेंगे तो घोटाले कैसे होंगे? आपका भोज राज सिंह विभागाध्यक्ष पशु जानपदिक रोग विभाग भा. पशु रोग अनु. संधान संस्थान, इज़्ज़त नगर बरेली, उ. प्र. प्रधानमंत्री महोदय यदि मिलने का समय दें तो सारे साक्ष्य आपके सम्मुख प्रस्तुत करने में में अपना सौभाग्य समझूंगा. कृपया करके एक बार पशुपालकों एवं भारत के ग़रीब किसानों के हित में अवश्य विच्छार करिएगा. |
Current Status | : | Closed (NO ACTION REQUIRED) |
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Date of Action | : | 14 Mar 2018 |
Details | : | sent to concerned unit |