Azad India
Monday, December 15, 2025
मीठा गीत
मीठा गीत
जब मन में उपजे होंगे द्वंद,
शब्द तभी बन पाए होंगे छंद .
जब हृदय कांपा होगा, जैसे लगी हुई हो शीत,
तब कम्पित ओंठों से निकला होगा मीठा गीत .
जब सविता ने उगली होंगी काली किरणें,
तब कविता के फूटे होंगे नन्हे-नन्हे झरने .
No comments:
Post a Comment
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment