भारत में स्वच्छ एवं पारदर्शी सुशासन के मतवालो ज़रा ये भी जानने का प्रयास करिएगा कि: Seekers of transparency in Governance in India must know
भारत में स्वच्छ एवं पारदर्शी सुशासन के मतवालो ज़रा ये भी जानने का प्रयास करिएगा कि तीन साल पहले मुँह पका खुर पका वैक्सीन में 500 करोड़ हर साल होने वाले घोटाले का चिट्ठा 2014 में खुलने के बाद भी सरकार क्यों चुप है उसमे किसे कितना हिस्सा मिल रहा है. इस घोटाले से देश को हर वर्ष 20000 करोड़ से ज़्यादा का चूना लग रहा है. इस घोटाले संबंधित सारे सबूत प्रधानमंत्री कार्यालय सहित उनके सारे सीनियर मंत्रियों को भेजे जा चुके हैं और कृषि मंत्री को तो कई कई बार.
7. https://www.researchgate.net/post/Should_the_truth_of_FMD_vaccine_testing_at_Indias_Premier_Indian_Veterinary_Institute_be_disclosed?_tpcectx=profile_questions
कहावत है.
यथा राजा तथा प्रजा
कहावत है.
यथा राजा तथा प्रजा
Now we are number 1.
आखिरकार हम नंबर एक बन ही गए रामराज्य का महत्वपूर्ण पड़ाव
Finally, India achieved the long awaited landmark in the regime of RamRajya administered by the most honest leader of Indian history.
सम्पूर्ण वृत्तांत से पता चलता है कि देश में एफ़ एम डी का नहीं बल्कि भ्रष्टाचार का संक्रमण है। भ्रष्टाचार के दंश से ही एफ़ एम डी जैसा प्राचीन रोग भारत मे पनप रहा है जबकि अमेरिका ने पिछली सदी में ही इसका सफाया कर दिया था। जिस देश में इंटरव्यू से पहले ही लोग चयनित हो जाते हों, टेस्ट करने से पहले दवाओं को मंजूरी मिल जाती हो, वहाँ किसी काम में बाधा नहीं आ सकती। असली विघ्नहर्ता तो रिश्वतखोरी है। इसलिए सभी स्वीकार करते हैं कि रिश्वत सत्य, जगत मिथ्या!
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