Monday, October 24, 2022

अंकुरित अनाज या स्प्राउट्स खाने से जुड़े खतरों से कैसे बचें ? How to get rid of of pathogens in sprouts?

 अंकुरित अनाज या स्प्राउट्स खाने से जुड़े खतरों से कैसे बचें  

https://youtu.be/9H0lP8ccP4M

अंकुरित दलहन एवं अन्य अन्न (स्प्राउट्स) खाने का चलन प्राचीन काल से ही एक स्वस्थ जीवनशैली का अंग रहा है, अंकुरित अनाज खाने के अनेक लाभ हैं और यदि आप अपने मोटापे से परेशान हैं तो अवश्य अपनाने योग्य आदत है. आप अनाजों को अपने घर पर भी अंकुरित कर सकते हैं, और बाजार से भी आजकल खरीदना संभव है. स्प्राउट्स खाने के फायदे तब अचानक समाप्त हो  जाते जब अंकुरण स्वच्छता से ना किया गया हो या फिर स्प्राउट्स का आपके खाने से पहले किस भी प्रकार से दुषितीकरण हो गया हो. दूषित स्प्राउट्स खाने पर आपको कई प्रकार के रोगाणुओं का संक्रमण हो सकता है जैसे कि साल्मोनेला (टाइफाइड और पैरा-टाइफाइड कारक), लिस्टिरिया (मस्तिष्क ज्वर, गर्भपात कारक) एवं एस्चेरीचिया कोलाई (उलटी, दस्त कारक) संक्रमण, हैजा, पेचिस इत्यादि. इन सब खतरों से बचाव हेतु अक्सर डाक्टर आपको स्प्राउट्स को पकाकर खाने कि सलाह देते हैं परन्तु पकाने प्रयुक्त होने वाली गर्मी से स्प्राउट्स में उत्पन्न होने वाले विटामिन्स और अन्य तत्व अक्सर समाप्त या बहुत मात्रा तक कम हो जाते हैं. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसन्धान में हुए शोध से इस समस्या का समाधान काफी हद तक मिला है (पूरा शोध पढ़ने के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं https://www.researchgate.net/publication/227827514_Curing_of_Salmonella_enterica_serovar_Typhimurium-contaminated_cowpea_seeds_and_sprouts_with_vinegar_and_chlorination).

       शोध के अनुसार अगर अंकुरित अन्न को तीन घंटे के के लिए क्लोरीनेटेड पानी या सिरके में भिगो कर रख दिया जाए तो संक्रमण-रहित बीजों से बनाये गए ऐसे स्प्राउट्स जो किसी भी कारण से जीवाणुओं से दूषित हो जाते हैं वे जीवाणुमुक्त किये जा सकते हैं और स्वास्थ्य लाभ के लिए बिना किसी खतरे के प्रयुक्त किये जा सकते हैं. और अगर संक्रमित बीजों से भी स्प्राउट्स उत्प्पन्न किये गए हैं वे भी इस विधि से काफी हद तक हानिरहित हो जाते हैं और निःसंक्रमित किये जा सकते हैं. इस शोध से यह भी पता चला कि यदि अंकुरण के लिए प्रयोग किये गए बीज पहले से ही जीवाणुओं से दूषित या संक्रमित हों तो ऐसे बीज अंकुरण कि प्रक्रिया में पानी में भीगने से से फूल तो जाते पर बहुत ही कम अंकुरित हो पाते हैं अर्थात आप पहले से ही जान सकते हैं कि आप जिसे स्वस्थ अंकुरित अन्न समझ रहे हैं वह अन्न वाकई स्वस्थ बीजों से बना भी है कि नहीं. 

अब समझते हैं कि स्प्राउट्स को निरदूषित करने के लिए सिरके और क्लोरीनेटेड पानी का उपयोग कैसे करें. 

१. सिरका (५% एसिटिक एसिड) , बाजार में मिलने वाला सफ़ेद सिरका या फिर प्राकृतिक सिरका (जो फलों के रस या गन्ने के रस से बनता है), एक कटोरी में स्प्राउट्स के ऊपर इतना डालें कि स्प्राउट्स के ऊपर तक आ जाए और तीन घंटे के लिए कटोरी को ढक कर   रख दें, उसके उपरान्त आप स्प्राउट्स को स्वच्छ पानी से धोकर खा सकते हैं. 

२. क्लोरीनेटेड  पानी पानी बनाने के लिए आप एक लीटर पानी में ६० ग्राम ब्लीचिंग पाउडर डाल कर थोड़ा चम्मच से चलाएं और ५ मिनिट के लिए ढक कर रख दें फिर इसे साफ़ छन्नी से छानकर एक ढक्कनदार बोतल में भरकर रख लें और जितना आवश्यक हो सिरके कि तरह ही इसे प्रयुक्त करें. इस क्लोरीनेटेड पानी को आप दो दिन तक प्रयोग कर सकते हैं. क्लोरीनेटेड पानी बनाने के लिए आजकल बाजार में गोलियां भी आती हैं जिहे आप निर्माता के निर्देशानुसार प्रयोग कर सकते हैं . ब्लीचिंग पाउडर के स्थान पर आप केमिस्ट कि दूकान पर उपलब्ध  सोडियम हाइपोक्लोराइट (यह तरल रूप में आता है) का प्रयोग (५० मिली एक लीटर पानी में) भी कर सकते हैं इसके प्रयाग से आपको पानी छानने कि आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

इन साधारण प्रयोगों से आप स्प्राउट्स को निरदूषित करके उनके सभी स्वास्थ्य लाभों के साथ प्रयुक्त कर सकेंगे और प्राकृतिक और स्वच्छ भोजन करके स्वस्थ रहेंगे.

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