आप अपनी दवाई किसी अन्य खाद्य पदार्थ के साथ मिलाकर खा रहे हो उस खाद्य पदार्थ का आपकी दवाई पर क्या असर होगा?
इनफेक्शियस डिसीसिस रिसर्च जर्नल में 20 फरवरी 2024 को में प्रकाशित अध्ययन (https://www.tmrjournals.com/article.html?J_num=4&a_id=3077) इसी दिशा में एक कुछ संकेत होते हैं , अक्सर पशुओं को और बच्चों को कड़वी दवाएं दूसरे खाने पीने की चीजों के साथ मिला कर दी जाती हैं परंतु कोई नहीं जानता कि उनका प्रभाव ऐसा करने से घटता है, या बढ़ता है, या वैसा ही रहता है. इस बारे में अभी बहुत कम जानकारी है, इस शोध में जीवाणुओं को समाप्त करने में सक्षम तीन हर्बल तेल (दालचीनी, अजवाइन और थाइम) जिन्हें आप सीधे प्रयोग में नहीं ले सकते उन पर अध्ययन किया गया है क्योंकि वे बहुत जलन पैदा करते हैं और उन्हें अक्सर दूसरे तेलों के साथ मिलाकर प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, इस शोध में पता लगता है कि जलन को कम करने वाले कई तेल इन जीवाणु नाशक तेलों का असर भी बहुत हद तक खत्म कर देते हैं और उनकी उपयोगिता संदिग्ध हो जाती है।
गाय-भैंस में अफारा, डायरिया व त्वचा संबंधित जीवाणु जनित बीमारी के इलाज में अक्सर जीवाणु नाशक अजवाइन और दालचीनी का तेल या उसका चूरन खिलाने की पशु चिकित्सक सलाह देते हैं परंतु यह तेल या चूर्ण किसी और खाद्य पदार्थ या खाद्य तेलों में मिलाकर ही दिए जा सकते हैं क्योंकि उनके सीधे प्रयोग से जलन पैदा हो जाती है। परंतु इन जीवाणु नाशक तेलों को पशुओं को किस तेल में मिलाकर देना चाहिए, इसको लेकर अभी तक कोई अध्ययन नहीं किया गया है अभी हाल ही के कुछ वर्षों में, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से इसके लिए एक अध्ययन किया गया। अध्ययन टीम ने बताया कि दालचीनी, अजवाइन व थाइम के तेल जिन्हें बहुत अच्छा जीवाणु नाशक माना जाता है, इन तेलों तेलों में रोग कारक जीवाणुओं को समाप्त करने की सबसे ज़्यादा क्षमता पाई गई यहां तक की बहुत से एंटीबायोटिक भी जीवाणु नाशक के तौर पर इनका मुकाबला नहीं रखते। उन्होंने बताया कि बाजार में मिलने वाले मरहम अक्सर सॉफ्ट पैराफ़ीन में बनाए जाते है, और पशुपालक घर में उपलब्ध किसी भी तेल में मिलाकर इनका उपयोग पशुओं के लिए करते हैं। इसके लिए टीम की ओर से घर में इस्तेमाल होने वाले खाद्य तेलों मे इन जीवाणु नाशक तेलों को मिलाकरक यह अध्ययन इसलिए किया गया जिससे पता चल सके की कौन से तेल में मिलाकर प्रयोग करने से यह जीवाणु नाशक तेल सबसे ज्यादा प्रभावि रहते हैं। इस अध्ययन में जैतून, सरसों, लिक्विड पैराफ़ीन, ग्लिसरीन, सूरजमुखी, राइस ब्रान पाम, मूँगफली, तिल, अवाकाडो, जोजोबा, अरंडी, अलसी, सोयाबीन के तेलों पर अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में यह पाया गया कि जैतून के तेल या ग्लिसरीन के साथ जीवाणु नाशक अजवाइन, और थाइम के तेल अगर मिलाकर प्रयोग किए जाएं तब ही प्रभावी रहते हैं दूसरे खाद्य तेलों में या पैराफिन में मिलाकर देने पर इनका जीवाणु नाशक गुण लगभग समाप्त हो जाता है या फिर बहुत कम रह जाता है । परन्तु दालचीनी के तेल को खाद्य तेलों के साथ मिलाने पर उसका जीवाणुनाशक गन समाप्त तो नहीं होता परन्तु काफी कम हो जाता है ।
This study helps to understand the effect of carrier oils and other diluents on the antimicrobial action of Essential oils Excipient effect on the antimicrobial activity of Cinnamon (Cinnamomum zelylanicum album) oil, Thyme (Thymus vulgaris) oil and Ajowan (Trachyspermum ammi) oil.
Most essential oils, many other irritant medicines, and potent medicines are usually given after diluting in blended edible oils or other vehicles, this study indicated that the outcome may be altogether different with the use of different diluents.
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