क्या खाकर सोए हैं भा. कृषि अनु. संधान परिषद के महानिदेशक?
क्या इसी तरह से होगी किसानों की आय आने वाले तीन साल में दुगनी?
क्या इसी तरह से होगी किसानों की आय आने वाले तीन साल में दुगनी?
महानिदेशक जी आपसे डेढ़ साल पहले निवेदन किया था आदरणीय महोदय अब तो कृपा करके बता दीजिए कि:-
1. एक साल में दो और तीन बार टीकाकरण के बाद भी मुँह पका खुर-पका रोग क्यों फैल रहा है, वो भी वैक्सीन लगने के आठ-दस बाद ही, क्या रोग का कारण वैक्सीन ही है. यह रोग ना सिर्फ़ पशुपालकों के पशुओं में बल्कि पशु विज्ञान के प्रतिष्टिस्थित संस्थानों में भी आए दिन फैलता है. जैसे कि
-भा. पशु. चिकित्सा अनु. संस्थान बरेली में, मुक्तेश्वर में.
-रा. डेरी अनु. संधान संस्थान करनाल में
-तनुवास चेन्नई में
-मिलिटरी डेरी फार्म मेरठ में
--वेट. कॉलेज लुधियाना में
--राष्ट्रीय भैंस अनुसन्धान केंद्र हिसार (हरयाणा), और नाभा (पंजाब) में
-FMD फ्री स्टेट आंध्रप्रदेश, पंजाब, तेलंगाना में
-22 राउंड टीकाकरण के बाद भी उ. प्रदेश में, हरयाणा में, झारखंड में
-हर उस छेत्र में जहाँ FMD-CP पिछले 10-15 साल से चल रहा है.
2. महानिदेशक जी भा. कृषि अनु. संधान परिषद के कई संस्थानों में FMD पिछले 10 साल में लगातार टीकाकरण के बाद भी सैंकड़ों पशुओं को लील चुका है, करोड़ों रुपये का उत्पादन खा चुका है और आपका ठेकेदार संस्थान लगातार वैक्सीन को उच्च गुणवत्ता का भी बता रहा है. परंतु कभी भी किसी फार्म इंचार्ज, किसी निदेशक पर तो दूर किसी घटिया वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर भी कार्यवाही क्यों नहीं हुई, उन्होने आख़िर कौन सा टानिक आपको पिलाया हुआ है?
3. वैक्सीन की गुणवत्ता जाँचने का ठेका आपके भा. पशु चिकित्सा अनु. संधान संस्थान का है, क्यों नहीं नियमानुसार वैक्सीनों की जाँच हो रही है. किसी एक बैच वैक्सीन की भी कभी हुई है तो सबूत देने की कृपा करें? वैक्सीन की जाँच में, सैंपलिंग में, सैंपलों के रख-रखाव के, जाँच के वे सारे नियम जो भारतीय फार्माकोपिया में लिखे गये हैं क्यों नही लागू होते आपके संस्थान में?
4. मेरे द्धारा दी गई वैक्सीन गुणवत्ता रिपोर्ट पर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट पर क्यों नहीं कार्यवाही हो पा रही? डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट के बारे में RTI के तहत दी गई जानकारी के अनुसार वो रिपोर्ट कभी भी मान्य नहीं हुई और किसी को कभी दी भी नहीं गई, फिर कैसे
-वो रिपोर्ट DAHDF द्धारा इलाहाबाद हाई-कोर्ट (लखनऊ ) में यह कहकर जमा कर दी गई कि रिपोर्ट मान्य है, क्यों, कैसे?
-IIL हैदराबाद ने मेरे उपर डा. गयाप्रसाद की समिति द्धारा दी गई झूठी रिपोर्ट को सबूत के तौर पर लगाकर केस किया गया, क्यों, कैसे?
5. आप के संस्थानों में ही जब वैक्सीन लगाने से ब्रुसेल्लॉसिस और PPR कंट्रोल नहीं हो पाई तो इन झूठे प्रोग्रामों को आपकी संस्तुति पर देशभर में चलाकर पशुपालकों को धोखा क्यों दिया जा रहा है?
6. आप कहते हैं कि PPR वैक्सिनेसन पर खर्च किया गया एक रुपया 70 रुपये का लाभ देता है तो क्यों नहीं ये वैक्सीन इसे बनाने वाले और आपके दूसरे संस्थानों के पशुओं में में लगाई जा रही? क्योंकि जहाँ जहाँ भी ये वैक्सीन लगती वहाँ वहाँ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है, या रोग हो जाता है.
आप और आपके संस्थान भारत के ग़रीब पशुपालकों को क्यों धोखा दे रहे हैं?
भा. कृषि अनु. संधान परिषद के महानिदेशक महोदय, वर्षों से आपकी इन मामलों में चुप्पी और कार्यवाही ना करना आपका इनमें परोक्ष या अपरोक्ष रूप से शामिल होना सिद्ध कर रहा है. आपसे अनुरोध है कि घोटाले करके पैसे पैदा करने के और भी अनेक रास्ते हो सकते हैं कम से कम ग़रीब किसानो को बख़्श दीजिए, ये ही इस देश की जीवन रेखा हैं, ये ही नहीं रहेंगे तो घोटाले कैसे होंगे?
What I requested to DG ICAR, New Delhi on 5th September 2016 in Substandard Foot and Mouth Disease Vaccine Matter?
In FMD vaccine testing matter, what I requested to DG Indian Council of Agriculture Research in the meeting on 5th September 2016.
1. Why FMD outbreaks even after vaccination and within a month of vaccination with IIL FMD Vaccine at:
a. IVRI, Izatnagar in January 2016.
b. In NDRI Karnal.
c. In TANUVAS, Chennai.
d. In Military Dairy Farm, Meerut (2016) and at several other places.
Sir, through your kind self I want answers for the following questions from Division of Animal Sciences and specifically Director IVRI, Izatnagar:
2. Why there was FMD Outbreak with more than 4 dozens of deaths despite FMD vaccination?
3. Why not any action has been taken against IIL, Hyderabad, the FMD vaccine supplier?
4. Why IVRI, Izatnagar is not testing the vaccines as per Indian Pharmacopeia (IP) though claiming to follow IP, is it not to benefit the producers of substandard vaccines?
5. Why all the rules of sampling and testing vaccine were thwarted to favour IIL, Hyderabad?
6. Why copy of the report by Dr. Gaya Prasad (then ADG, AH) against my testing has not been provided to me despite several requests? Moreover, without any letter or communication to me, the stern action was recommended by the Division of Animal Sciences against me. Why the Dr. Gaya Prasad report was given to IIL and DADF, though they are distantly related to ICAR?
7. Why the rules for publishing research/ report are different for different people as:
8. Dr. RK Singh, now Director IVRI, Izatnagar published two papers with IIL, Hyderabad without any permission and at that time he was not Director, he was just Principal Scientist.
Similarly B. Pattnaik, now Director, PDFMD, also published papers with IIL Hyderabad without permission from any higher authority.
If “a” and “b” are true then why permission was necessary for Dr. Bhoj Raj Singh being Director of the Institute for publishing the report of substandard FMD vaccine? Probably because truth is not liked by Division of Animal Sciences at ICAR and they were hand in gloves with producers of the substandard vaccine?
9. Why FMD outbreak occurred by FMD virus type “A” in IVRI when vaccination was going on with IIL FMD vaccine? This virus was neither there (nearby Bareilly) nor in UP (it was only Type “O”)? Why was it not allowed to be investigated By Division of Epidemiology despite request? At the time of the outbreak statement from IVRI was issued that disease might have come from nearby villages, but they never questioned the vaccine, why?
10. When has IVRI transferred FMD vaccine technology (http://ivri.nic.in/ITMU/MajorAchievements.aspx) to three firms (only four firms in India are producing FMD vaccine) then why it said to you that technology is of not IVRI (as communicated by you in the earlier meeting)?
11. Why there are deaths due to FMD, Brucellosis, Tuberculosis, PPR and Pasteurellosis on IVRI, Izatnagar Livestock farms? If these diseases cannot be prevented at IVRI, Izatnagar how Division of Animal Sciences approved the program for the National Control programs on control of Brucellosis, FMD & PPR? Is it not treachery to Indian farmers? Or it is just to benefit the vaccine producers.
12. Why IVRI is auctioning the cows after abortion (most of the abortions are due to Brucellosis and animals become lifetime spreader after disease), is it to spread the disease to all parts of India so that more and more need for vaccination can be shown?
13. PPR Vaccine technology is also of IVRI but in last five years, several times hundreds of goats have died due to PPR only after vaccination, why?
Sir, the reply to the above queries may reveal how Director IVRI is hand in gloves with IIL, Hyderabad that has filed a case against me to punish me for revealing the truth.