दुर्दांत
अपराधी, कितने ही नेताओं और
अफसरों का चहेता विकास
दुबे मारा गया. खबर है कि शहीद
हुए SO देवेंद्र मिश्रा ने विकास दुबे
और बड़े-बड़े लोगों की सांठ गाँठ
के बारे में ऊपर तक आठ पत्र
लिखे थे पर सुनवाई
नहीं हुई, बल्कि खुद ही शहीद हो
गए, क्यों? क्योंकि मामले में बड़े-बड़े लोग लिप्त थे/ हैं. मैंने भी २०१४ में
ईमानदार सरकार और रामराज्य वाले
प्रधानमंत्री के आने में
विश्वास करके पशुओं के वैक्सीनेशन में
दशकों से चल रहे
हजारों करोड़ प्रतिवर्ष के घोटालों का
कच्चा चिट्ठा मंत्रियों और प्रधानमंत्री जी
के सामने रखने पर क्या पाया
था? निदेशक के पद से
मुक्ति, १२२ करोड़ का डीफेमेशन केस
(लड़ता रहूंगा जब तक जीऊंगा),
नौकरी से मुक्ति की
सिफारिश (जो अंतर्राष्ट्रीय दबाव
और जरूरत के हिसाब से
बेहिसाब लिखापढ़ी के चलते टली
हुई है). मैंने भी ऊपर तक
अनगिनत खत लिखे, अभी
भी लिखता हूँ और जीते जी
लिखता रहूंगा, ब्लॉग भी लिखता हूँ,
कितने ही मंत्रियों संतरियों
से मिल चुका हूँ, पर जवाब क्या
मिलता है? तुम्हारे सच के पागलपन
के लिए क्या ३५ सेक्रेटरी, सैंकड़ो
डाइरेक्टरों और दर्जनों मंत्रियों
को बर्खास्त करके झोला डंडा लेकर सरकार से संन्यास ले
लें. और भी बहुत
कुछ मिलता है जैसे चुप
रहने के आदेश, मारने
कि धमकी, नौकरी छीनने के मेमो, और
जाता क्या है? पूंजी,
चैन, और भी जाने
क्या क्या, जिस पर बीते वही
जाने. पर इसमें आश्चर्य
करने जैसा कुछ नहीं है यह देश
ऐसा ही था, ऐसा
ही है, ऐसा ही रहेगा. ये
रामराज्य और ईमानदार नेता,
सब ढकोसले हैं. यदि सच के लिए
लड़ना है तो ये
सोच के लड़ो कि
सच्चाई को जीत मिली
भी तो आपके बाद
मिलेगी, ये सोच कर
लड़ो कि आपको लगी
हुई इस बीमारी का
कोई इलाज नहीं है, इलाज है तो मौत
है, और मौत सबको
आनी ही आनी है
तो क्यों ना ऐसी बीमारी
पालो जिसका इलाज ही मौत है.
सच्चाई की जीत हो
ना हो, आपकी जीत अवश्य होगी.
Sunday, July 12, 2020
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Truth always wins and this events is the best example!!
ReplyDeleteManipuri Literature Syllabus
Tragus Piercing Tragus Piercing I read such an article, do you think these are correct? Has anyone had it done before?
ReplyDeleteBangla Short Film
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